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सिरसा की चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी में हुआ स्पोर्ट्स मीट का आयोजन। 


सिरसा की चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी में हुआ स्पोर्ट्स मीट का आयोजन। 
चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा में हुआ 12वीं एथलेटिक मीट का आगाज
स्पोर्ट्स मीट में चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी जींद के वाइस चांसलर डॉ रणपाल सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। 
सिरसा की चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर अजमेर सिंह मलिक भी रहे मौजूद। 
डॉ रणपाल सिंह ने विजेता खिलाड़ियों को सम्मानित किया। 
महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को एक अच्छा खिलाड़ी बनाने की प्रथम पाठशाला- डॉ रणपाल सिंह। 
खेलों में भाग लेने से मानसिक तनाव दूर होता है : वीसी प्रो0 अजमेर सिंह मलिक  


रीड चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के खेल ग्राउंड में छात्र कल्याण अधिष्ठाता कार्यालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय 12वीं  एथलेटिक मीट का शुभारंभ हुआ। इस मीट में चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद के कुलपति डॉ रणपाल सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा के कुलपति प्रोफेसर अजमेर सिंह मलिक ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की है। इस मौके पर विजेता खिलाड़ियों को डॉ रणपाल सिंह और प्रोफेसर अजमेर सिंह मलिक ने सम्मानित भी किया। 

 सीआरएसयू जींद के कुलपति डॉ रणपाल सिंह ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा के महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को खेल में अपार सुविधाए उपलब्ध करवा रहे हैं जिसका परिणाम यह है कि राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि खेलों में अपार संभावनाएं हैं। केंद्रीय व राज्य सरकार भी खिलाड़ियों को उच्च स्तर की नौकरियों व नगद  पुरस्कार प्रदान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को खेल की भावना से खेलना चाहिए न कि हार या जीत की भावना से खेलना चाहिए। पूरे साल मेहनत के पश्चात विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को एक मंच प्रदान करता है ताकि वह अपना हुनर दिखा सके। ऐसे ही कार्यक्रमों की बदौलत आज हरियाणा के खिलाड़ी पूरे देश में मेडल लाने में अव्वल है। उन्होंने कहा कि पुराने समय में एक धारणा बनी हुई थी कि "पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे होंगे खराब।" परंतु आज के समय में यह धारणा पूर्णतया गलत साबित हो चुकी है। एक अच्छे जीवन के लिए शिक्षा के साथ-साथ खेल भी हमारे जीवन में अहम योगदान देते हैं क्योंकि अच्छे स्वास्थ्य में ही अच्छा मस्तिष्क होता है। उन्होंने कहा कि एक आम बच्चे के मुकाबले एक खिलाड़ी का दिमाग अधिक चुस्त होता है। खेलकूद हमें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रफुल्लित बनाते हैं। इन्हीं शब्दों के साथ प्रोत्साहित करते हुए बच्चों को अपने भविष्य में आगे बढ़ने की शुभकामनाएं दी है। 

 

 चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अजमेर सिंह मलिक ने कहा कि सौभाग्य की बात है कि आज युवा खेलों में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में जो पाठ्यक्रम आया है उसमें भी विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की बात रखी गई है और विश्वविद्यालय में उसी की अनुरूप यह एथलेटिक मीट आयोजित हो रही है। उन्होंने कहा कि खेलों में भाग लेने से मानसिक तनाव व अवसाद का शिकार होने से बचा जा सकता है। प्रोफेसर मलिक ने आयोजन कर्ताओं को बधाई दी व विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी।  विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ राजेश कुमार बंसल ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अजमेर सिंह मलिक के दिशा निर्देशन में विश्वविद्यालय उन्नति के मार्ग पर अग्रसर है और विद्यार्थी राष्ट्रीय स्तर पर खेल व सांस्कृतिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं व विश्वविद्यालय का नाम रोशन कर रहे हैं। इससे पूर्व प्रतिभागियों को खेल नियमों की अनुपालना की शपथ दिलाई गई। 

 

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